नई
सदी लिक्खेगी शक्त कहानी, ‘बिटिया’।
राज
करेगी युगों युगों तक, प्यारी बिटिया।
नयन-नेह
से उसके,
महकेगा
हर आँगन
चाहेंगे
अपने घर में सब,
रानी
बिटिया।
पुरस्कार, सम्मान चरण
चूमेंगे आकर
अंबर
का ध्रुव तारा बन, चमकेगी बिटिया।
गर्वित
होंगे पालक,
सुन
उसकी यश-गाथा
शीश
उठाकर कहा करेंगे ‘मेरी बिटिया’।
दाम
बढ़ा लेंगे निज,
तब
कागज़-स्याही,
जब
काव्य-ग्रंथ-पृष्ठों
में छाई होगी,
‘बिटिया’।
गीत-छंद
बेटी का ही गुणगान करेंगे
गज़लों
को भी देगी नव्य रवानी, ‘बिटिया’।
कहनी
इतनी बात,
सुता
होगी घर-घर में
और
'कल्पना' हर नारी चाहेगी, ‘बिटिया’।
-कल्पना रामानी
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